तर्कपूर्ण और योग्य विचारों को अपनाना ही स्वामी श्रद्धानंद को सच्ची श्रद्धांजलि – डॉ. कृष्ण गोपाल जी on December 27, 2017
पर्यावरण के दायरे में ही अर्थशास्त्र की शाश्वत प्रगति हो सकती है – अनिल बोकिल जी on December 25, 2017
श्रद्धानन्द जी हिन्दुत्व समर्पित क्रान्तिकारी, निर्भीक संपादक थे – जितेन्द्र अग्रवाल जी on December 25, 2017