भुवनेश्वर : राजधानी स्थित प्रदर्शनी मैदान में आयोजित आध्यात्मिक एवं सेवा मेला लोगों के आकर्षण केंद्र बना हुआ है। इनेसिएटिव फॉर मॉरल एंड कल्चरल ट्रे¨नग (आइएमसीटी) फाउंडेशन की ओर से आयोजित इस मेले में गुरुवार को सुबह आचार्य वंदना कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें 500 छात्र-छात्रओं ने पंडित विश्वनाथ रथ की मौजूदगी में अपने-अपने आचार्य की पूजा-अर्चना की।
मेला परिसर में गो नाशिका, पर्वत एवं पेड़ों की सुरक्षा, जल संरक्षण आदि की आकर्षक झांकी लोगों का ध्यान खींच रही हैं। इसके अलावा 160 सामाजिक संगठनों की ओर से लगाए स्टॉलों पर विभिन्न प्रकार की देशी औषधि, उपचार आदि की जानकारी दी जा रही है। वहीं, शाम को विभिन्न स्कूलों के बच्चे आध्यात्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगों को भारतीय संस्कृति व संस्कारों के प्रति प्रेरित कर रहे हैं। गुरुवार को फाउंडेशन के कार्यकारी अध्यक्ष मुरली मनोहर शर्मा ने बताया कि भारत में गुरु को भगवान से भी बड़ा माना जाता है, मगर आज के बदलते समाज में यह परंपरा व महत्व खत्म होता जा रहा है। इस महत्व को भारतीय समाज में पुन: स्थापित करने समेत बच्चों को संस्कारी बनाना, माता-पिता का आदर व सम्मान करना सिखाना, गुरु का सम्मान करना, जल, जीवजंतु के महत्व एवं उसके संरक्षण के लिए प्रेरित करना मेला का मकसद है। इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि संस्कृति के विद्वान प्रो. डॉक्टर प्रफुल्ल मिश्र, सेंटर यूनिवर्सिटी के उपकुलपति प्रो. डॉ. आदित्य महांती, अखिल भारतीय ¨हदू सेवा मेला के सह सेवा प्रमुख गुणवंत ¨सह कोठारी, अध्यक्ष मनोरंजन महापात्र आदि प्रमुख उपस्थित थे।
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