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यहां जनता के नाम पर जनता को लोग बेवकूफ बनाते हैं – पद्मश्री अशोक भगत

मातृशक्ति में है समाज बदलने की क्षमता – अनिरुद्ध देशपांडे जी

लोकमंथन में भारतीय अर्थ चिंतन पर मंथन

भारतीय दर्शन के अनुरूप हो महिला विमर्श – डॉ. मोहन भागवत जी

सक्षम के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन

हिन्दू का मूल चिंतन सबको साथ लेकर चलने का स्वभाव है – डॉ. मोहन भागवत जी

हर देश की एक प्रकृति होती है और भारत की प्रकृति आध्यात्मिक है – स्वामी नरसिम्हानंद जी

गुलाबीनगरी में दिखेगा दिव्यांगों का हुनर, सक्षम का १०वां राष्ट्रीय अधिवेशन

भारत में संवाद और विमर्श की सदियों पुरानी परंपरा रही है – एम. वेंकैया नायडू जी

पौधारोपण जैव विविधता के अनुसार करें – डॉ. भगवती प्रकाश जी

श्री राम जन्म भूमि पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय

खेलगांव में भारत दर्शन प्रदर्शनी का उद्घाटन

दैनिक शाखा, क्रमबद्ध प्रशिक्षण तथा सतत प्रवास से कार्यकर्ता संभाल व आत्मीय संबंध बनता है – डॉ. मोहन भागवत जी

हिन्दुत्व अर्थात् भारतीयता

कश्मीर समस्या कांग्रेस की देन – राम माधव जी

सामाजिक विकास की गतिविधियों से सशक्त, समृद्ध समाज व राष्ट्र निर्माण में योगदान वानप्रस्थ की अवधारणा – डॉ. मोहन भागवत जी

संघ को नजदीक जाकर समझने की आवश्यकता