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तर्कपूर्ण और योग्य विचारों को अपनाना ही स्वामी श्रद्धानंद को सच्ची श्रद्धांजलि – डॉ. कृष्ण गोपाल जी

विविधता में एकता हमारे देश का परिचय है: भागवत

पर्यावरण के दायरे में ही अर्थशास्त्र की शाश्वत प्रगति हो सकती है – अनिल बोकिल जी

श्रद्धानन्द जी हिन्दुत्व समर्पित क्रान्तिकारी, निर्भीक संपादक थे – जितेन्द्र अग्रवाल जी

समाजसेवियों को सम्मानित

500 छात्र-छात्रओं ने आचार्य की पूजा-अर्चना की

आठ सौ से अधिक लोगों ने अपने माता-पिता का पूजन किया

सामूहिक कन्या पूजन कार्यक्रम

चार दिवसीय हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवाल मेला

भारत के ऋषि मुनियों का चिंतन चिरंतन और शाश्वत है – सुरेश भय्याजी जोशी

घुमंतु लोगों के साहित्य में भारतीय मिट्टी की सुगंध – गिरीश प्रभुणे जी

महामना ने काशी हिन्दू विवि में मानवीय मूल्यों को भी स्थापित किया

संस्कारित समाज की रचना से ही सामाजिक परिवर्तन संभव – सुरेश भय्याजी जोशी

सर्वसमावेशी है भारतीय दर्शन – डॉ. कृष्णगोपाल जी