भोपाल. भोपाल में ‘आश्रम-3’ नाम से बनने वाली वेब सीरीज का विरोध पूरे प्रदेश और देश में बढ़ता जा रहा है. हिन्दू संगठनों ने जगह-जगह प्रदर्शन कर सीरीज़ के नाम और कंटेंट पर आपत्ति जताई है.
बजरंगदल के प्रान्त संयोजक सुशील सुडेले ने कहा कि बजरंग दल को इस सीरीज ‘आश्रम’ के नाम पर आपत्ति है. हमारे पूज्य संत आश्रम में निवास करते हैं, उनकी प्रेरणा से समाज चलता है. इस वेब सीरीज में दिखाया जा रहा है कि आश्रम अय्याशी का अड्डा है, यहां महिलाओं, भक्तों का शोषण होता है. यह पूर्ण रूप से असत्य है और यह सब केवल हिन्दू समाज की भावनाओं को आहत करने के लिए किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब यह नहीं है कि आप बहुसंख्यक हिन्दू समाज की धार्मिक सांकृतिक भावनाओं को आहत करें. इस प्रकार के विषय अन्य धर्म के साथ करने में इन भ्रमित लोगों की हिम्मत भी नहीं होती. यह हिन्दू अस्मिता पर वैचारिक आक्रमण है.
इस सम्पूर्ण विषय में पूज्य संतों एवं जनमानस मे बहुत आक्रोश है. विश्व हिन्दू परिषद बजरंग दल मध्यभारत ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से एवं वेब सीरीज के निर्देशकों से आग्रह किया कि इस प्रकार के विषय पर निर्माण और पवित्र नामों का दुरुपयोग ना हो.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ध्यान दें कि मध्यप्रदेश की धरती हिन्दू विरोधी कार्य की भूमि ना बने एवं इस प्रकार के विषयों पर मध्यप्रदेश में शूटिंग की अनुमति नहीं दी जाए.
अखिल भारतीय संत समिति के प्रवक्ता महंत अनिलानंद ने बताया कि संत समाज सांसद और भोपाल कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेगा. हमारी मांग है कि वेब सीरीज के नाम से पूरा हिन्दू समाज का नाम बदनाम किया जा रहा है. यह सबकुछ षड्यंत्रपूर्वक किया जा रहा है. यदि उनको फिल्म बनाना है तो हिन्दू समाज को बदनाम करने वाले नामों का उपयोग तुरंत बंद करें और उनको बदलें. उन्होंने कहा कि बिना हमारी मांगों को पूरा किए शूटिंग नहीं होने दी जाएगी. यदि हमारी मांगों को नहीं माना गया तो आगे बड़े स्तर पर विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा.
गृहमंत्री बोले – नाम बदलने पर विचार करें प्रकाश झा
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले पर कहा कि वेब सीरीज़ के नाम पर लंबे समय से जानबूझकर हिन्दू धर्म को टारगेट करने की कोशिश की जा रही है. बहुसंख्यक समाज की भावना को देखते हुए प्रकाश झा को आश्रम वेब सीरीज़ का नाम बदलने पर विचार करना चाहिए. वेब सीरीज़ आश्रम-3 के विवाद के बाद प्रदेश सरकार फिल्मांकन को लेकर एक नई गाइडलाइन जारी करने जा रही है. अब शूटिंग से पहले जिला प्रशासन को स्क्रिप्ट दिखानी होगी और उस पर अनुमति मिलने के बाद ही शूटिंग की जा सकेगी.
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