पणजी (विसंकें). वरिष्ठ पत्रकार भाऊ तोरसेकर ने कहा कि अनेक माध्यमों के कारण पाठक, समाज जागृत हुआ है. इसलिए पत्रकारों को इन माध्यमों से आगे जाकर अपनी विश्वसनीयता कायम रखनी चाहिए. पत्रकारों को ने संदर्भ देने चाहिए. पत्रकारिता दायित्त्व का काम है, संरक्षण मांग कर पत्रकारों का निर्भय पत्रकारिता करना संभव नहीं. वे विश्व संवाद केंद्र, मुंबई राष्ट्रीय स्वधर्म संस्कार मंडल, पणजी के संयुक्त तत्वाधान में नारद जयंती के उपलक्ष्य में पणजी में 27 मई को आयोजित देवर्षि नारद पत्रकारिता पुरस्कार समारोह में संबोधित कर रहे थे.
भाऊ तोरसेकर ने कहा कि शब्द यह एक हथियार है, इनका उपयोग संभाल कर करना चाहिए. विषय को महत्व देने का कार्य पत्रकारों का है. बहुत बार ऐसा होता है कि पत्रकार घटनास्थल पर जाए बिना समाचार लिखते हैं, इस कारण समाचार में पूर्ण जानकारी नहीं रहती है. पाठकों तक किसी विषय पर सही जानकारी ही जानी चाहिए. उन्होंने अनेक उदाहरण देकर समझया कि पत्रकारिता में किस तरह पाठकों को दिग्भ्रमित किया जाता है.
विश्व संवाद केंद्र की ओर से नवप्रभा के संपादक परेश प्रभू और गोवा के संघमित्रा फळदेसाई माईणकर को देवर्षि नारद पुरस्कार से सम्मानित किया गया. परेश प्रभू ने कहा कि कोई आपके काम को ध्यान में रखकर पुरस्कार देता है, तो यह आनंद की बात है. मगर पुरस्कार से दायित्व की भावना भी जागृत होती है, अधिक अच्छा काम करना, ऐसी अपेक्षा रहती है. संघमित्रा ने कहा कि आर्थिक कमाई कितनी हुई, इससे भी अधिक अपना अच्छा व्यक्तित्व खड़ा होना, यह महत्वपूर्ण है.
कर्यक्रम में पत्रलेखन स्पर्धा के विजेता तुकाराम शेटगावकर, स्नेहा जोशी और सुशील हळर्णकर को भी सम्मानि किया गया.
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