भारत में संस्कार एवं राष्ट्रीयता से परिपूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत अखिल भारतीय संस्थान विद्याभारती (मध्यक्षेत्र) के मार्गदर्शक एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक रोशनलाल जी सक्सेना का देवलोकगमन 21 अगस्त 2018 को मध्यान्ह 12.30 बजे, सी-13 शिवाजीनगर भोपाल में हो गया. अंतिम संस्कार कार्यक्रम 22 अगस्त 2018 को प्रातः 10 बजे भदभदा घाट विश्राम स्थल पर किया जाना है.
रोशन लाल जी का जन्म 05 अक्टूबर 1931 को मध्यप्रदेश के सीधी नगर में हुआ था. सन् 1954 में गणित एवं सांख्यिकी में एमएससी की उपाधि प्राप्त करके अध्यापन कार्य आरंभ किया. हाईस्कूल से लेकर महाविद्यालय तक सभी कक्षाओं में अध्यापन कार्य किया. राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ की प्रेरणा से 12 फरवरी 1959 में पूज्य सुदर्शन जी के मार्गदर्शन में सरस्वती शिशु मंदिर का कार्य प्रारम्भ किया. 09 अक्टूबर 1964 को शासकीय महाविद्यालय के प्राध्यापक के पद से त्यागपत्र देकर रीवा विभाग प्रचारक के दायित्व के साथ ही सरस्वती शिशु मंदिर का दायित्व संभाला. सन् 1970 में तत्कालीन मध्यप्रदेश (वर्तमान मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश) के सरस्वती शिशु मंदिर के क्षेत्रीय संगठन मंत्री का दायित्व प्रदान किया गया. आपातकाल के दौर में आपको मीसा के अंतर्गत 19 माह जेल में रहना पड़ा. सन् 2002-03 से आपको वनवासी शिक्षा का संपूर्ण राष्ट्र का दायित्व प्रदान किया गया, तब आपने सुदूर पूर्व से लेकर गिरि-कंदराओं से परिपूर्ण दुर्गम क्षेत्रों में निवासरत् वनवासी बालक-बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ने का कल्याणकारी कार्य किया. आपका संपूर्ण जीवन शिक्षा, समाज एवं राष्ट्र के लिए समर्पित रहा है. ऐसी महान विभूतियों का जन्म प्रत्येक शताब्दी में भारत जैसे राष्ट्र में ही संभव है. ऐसे लोग विरले ही होते हैं जो सम्मानित पद के साथ ही सभी सुख-सुविधाओं को छोड़कर अपनी संपूर्ण सकारात्मक ऊर्जा राष्ट्रीयता से परिपूर्ण संस्कारपूर्ण शिक्षा के लिए समर्पित कर दें. वे वास्तव में श्रद्धेय एवं पूज्य हैं; ऐसे महान संत को शत्-शत् नमन्.
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