संजीव कुमार
पटना. कोरोना को परास्त करने में हर कोई अपनी भूमिका निभा रहा है. डॉक्टर, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी हो या पत्रकार, सभी अपने ढंग से कोरोना से लड़ रहे हैं. बिहार के कलाकारों ने कोरोना से लड़ने के लिए अपनी भूमिका तय की है. कलाकार अपनी कला से इसे परास्त करेंगे. मधुबनी पेंटिंग में सिद्धहस्त कलाकार सूती और खादी के कपड़ों के मास्क पर पेंटिंग कर उन्हें सस्ते दरों में बेचेंगे. एक मास्क की कीमत 50 से 75 रुपये है.
मधुबनी के रहिका प्रखंड स्थित जितवारपुर गांव मधुबनी पेंटिंग के लिए प्रसिद्ध है. इस गांव में कई पद्म पुरस्कार प्राप्त कलाकार हैं. इसी गांव के एक कलाकार हैं रेमंत कांत मिश्र. 37 वर्षीय रेमंत का मधुबनी पेंटिंग से गहरा लगाव रहा है. वे इस क्षेत्र में कई मुकाम हासिल कर चुके हैं. वर्ष 2019 में राज्य सरकार ने उन्हेंस स्टेट अवार्ड से नवाजा था. मॉरीशस सरकार, पांडिचेरी सरकार तथा गोवा सरकार भी सम्मानित कर चुकी है. रेमंत की पत्नी ऊषा को भी इस कला में बिहार सरकार सम्मानित कर चुकी है.
रेमंत के साथ गांव के कई कलाकार इस मुहिम में जुटे हुए हैं. ये कलाकार पहले बाजार से खादी और सूती कपड़े खरीदते हैं. फिर दर्जी से 3 स्तरों वाला मास्क तैयार करते हैं. तैयार मास्क पर पारंपरिक मधुबनी पेंटिंग की जाती है. इसमें मछली, सूर्य देवता, पशु पक्षी या रामायण से सम्बन्धित पात्र को उकेरा जाता है. इस मास्क की मांग बाजार में खूब है. हाल ही में प्रसिद्ध अभिनेत्री रवीना टंडन ने इन मास्कों की तारीफ की थी. मास्क कलाकारों के लिए रोजगार भी उपलब्ध करा रहा है. पिछले 2 माह में रेमंत ने 10 हजार से अधिक मास्क बना कर बेचे हैं. पिछले कुछ दिनों में मास्क की मांग में और तेजी आई है. बढ़ती मांग को देखते हुए 1 दर्जन से अधिक कलाकार लगभग 500 मास्क रोज बना रहे हैं. इस काम में श्रुति झा, सपना मिश्र, अंशु मिश्र, काजल मिश्र, चंद्रकला देवी सरीखे कलाकार प्राणपन से जुटे हुए हैं.





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