कोलकत्ता में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता पर घातक हमले के विरोध में आज सियालदाह स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन निर्धारित था. प्रदर्शन के पश्चात मामले की जांच की मांग करते हुए राज्यपाल को ज्ञापन सौंपना था. लेकिन, ममता बनर्जी की पुलिस ने कार्यकर्ताओं को लोकतांत्रिक ढंग से विरोध भी जताने नहीं दिया. उन्हें निर्धारित स्थल पर पहुंचने से पहले ही हिरासत में ले लिया गया.
मटिया बुर्ज के कार्यकर्ता बीर बहादुर सिंह को गुंडा तत्वों ने गोली मार दी थी. घटना के विरोध में तथा आरोपियों की गिरफ्तारी व उन पर कार्रवाई की मांग को लेकर आज दोपहर एक बजे सियालदाह स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन रखा गया था. प्रदर्शन में भाग लेने के लिए लोग निर्धारित स्थान की ओर जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोकना व हिरासत में लेना प्रारंभ कर दिया. लोगों को जबरदस्ती गाड़ियों में बैठाया गया. उन्हें निर्धारित स्थल तक नहीं पहुंचने दिया गया. पुलिस ने मोलेली, धरमतला, एपीसी रोड पर प्रदर्शन में भाग लेने जा रहे लोगों को हिरासत में लिया. इसी बीच पुलिस कार्रवाई की जानकारी मिलने पर आचार्य प्रफुल चंद्र रॉय रोड पर एकत्रित लोगों ने घटना के विरोध में रैली निकाली.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कोलकाता महानगर के कार्यकर्ता (दक्षिण पश्चिम विभाग के मटिया बुर्ज नगर कार्यवाह) विद्यालय में कंप्यूटर शिक्षक बीर बहादुर सिंह (29 वर्षीय) पर सोमवार सुबह स्कूल जाते समय मस्जिद तला (थाना गार्डन रीच) के पास पीठ पीछे से दो व्यक्तियों ने गोली मार दी, जिससे वे गंभीर रूप से घायल होकर गिर पड़े. वे होश में थे और सहायता के लिए पुकार रहे थे. घटना स्थल पर एकत्रित भीड़ में से किसी ने पुलिस को सूचना दी, जिसके पश्चात पुलिस ने उन्हें SSKM अस्पताल में भर्ती करवाया. अस्पताल में उनके सीने में से गोली निकाली गई. पुलिस ने उनका बयान दर्ज किया है, जिसमें कॉंसलर रहमत आलम अंसारी तथा साहबुद्दीन अंसारी पर आरोप लगाया है.
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