देश भर संघ कार्य का हो रहा है लगातार विस्तार: डा. मनमोहन वैद्य

 राम मंदिर का निर्माण राजनैतिक मुद्दा नहीं।
अस्थायी अनुच्छेद ୩୭୦ का हटाना राष्ट्रीय आम सहमति का विषय।
प. बंगाल में राष्ट्रीय विचार के लोगों की लगातार हो रही हत्यायें दुर्भाग्यपूर्ण।

अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की तीन दिवसीय बैठक शुरु 
भुवनेश्वर, ୧୬ अक्तूबर – संघ के स्वयंसेवकों के कठोर परिश्रम एवं सतत प्रयास और समाज की अनुकूलता के कारण संघ कार्य का लगातार विस्तार हो रहा है। विशेष कर युवा व छात्र संघ से जुड रहे हैं। स्थानीय शिक्षा व अनुसंधान विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कार्यकारी मंडल के शुभारंभ के बाद पत्रकारों से बातचीत में संघ के सह सरकार्यवाह डा.मनमोहन वैद्य ने यह बात कही ।

एक प्रश्न के उत्तर में डा. वैद्य ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का मुद्दा राजनैतिक मुद्दा नहीं है। यह देश के आस्था का विषय है। इसी तरह कश्मीर से अनुच्छेद ୩୭୦ को हटाये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि संविधान में इस धारा का उल्लेख अस्थायी प्रावधान के रुप में था।
उन्होंने एक और प्रश्न के उत्तर में कहा कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय विचारों के लोगों की हत्या हो रही है जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है ।\n\nडॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि संघ का मानना है कि सरकार सब कुछ नहीं करेगी। समाज को स्वयं हो कर अपना कार्य करना होगा। इसी भावना को लेकर संघ के स्वयंसेवक समाज परिवर्तन के कार्य में सक्रिय हैं। ୧୯୯୮ से प्रारंभ ग्राम विकास का परिणाम अनेक गांव में देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि समाज में जाति पाति के बंधन को मिटाने तथा पूरा समाज एक है ऐसी भावना समाज में जागृत करने एवं सामाजिक समरसता पैदा करने के लिए संघ स्वयंसेवक कार्य कर रहे हैं । भारतीय नस्लों की गायों के संवर्धन के लिए भी संघ के स्वयंसेवक कार्य कर रहे हैं। उन्होनें कहा कि समाज में एकल परिवार का प्रचलन बढने के कारण परिवारों में मूल्यों का क्षरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस कारण संघ के स्वयंसेवकों द्वारा कुटुंब प्रबोधन का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए संघ के स्वयंसेवक तीन पी (ଚ) यानी पौधे लगाने, पानी का कम उपयोग तथा प्लास्टिक का इस्तमाल न करने आदि कार्यों में लगे हैं।  \n\nडॉ. वैद्य ने बताया कि वर्तमान में पूरे देश में ୫୭, ୪୧୧ दैनिक शाखाएं एवं ୧୮୯୨୩ साप्ताहिक मिलन चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि ୨୦୦୯ में संघ कार्य का विस्तार करने की योजना बनायी गई थी। इस कारण ୨୦୧୦ से ही शाखाओं का लगातार विस्तार हो रहा है। ୨୦୧୦ के बाद शाखाओं की संख्या में कुल ୧୯ हजार ୫୮୪ की बढोत्तरी हुई है। ୨୦୧୦ से ୨୦୧୪ तक लगभग ୬ हजार शाखाओं की बढोत्तरी हुई। \nउन्होंने कहा कि देश भर के ୬୦୦୦ प्रखंडों में यानी ୯୦ प्रतिशत प्रखंडों में संघ का काम है। \nउन्होंने बताया कि देश भर में चलने वाली शाखाओं में से छात्र व युवाओं की शाखाओं की संख्या ୬୦ प्रतिशत है, ୨୦ से ୪୦ साल के आयु वर्ग के बीच स्वयंसेवकों की शाखाओं का प्रतिशत ୨୯ प्रतिशत है । ୪୦ साल की आयु से अधिक प्रौढ लोगों की शाखाओं की संख्या ୧୧ प्रतिशत है । 
डॉ. वैद्य ने बताया की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ୨୦୧୩ में वेबसाइट के जरिये ज्वाइन आरएसएस के नाम से एक योजना शुरु की थी। इसमें काफी संख्या में लोग जुडने के लिए अनुरोध कर रहे हैं। इसमें युवाओं व छात्रों की संख्या सर्वाधिक है। उन्होंने बताया कि ୨୦୧୩ में ही इसके जरिये संघ से जुडने के लिए ୮୮,୮୪୩ अनुरोध प्राप्त हुए थे। ୨୦୧୪ से लेकर ୨୦୧୬ तक औसतन ୯୦ से ୯୫ हजार लोगों ने, ୨୦୧୭ में ୧.୨୫ लाख, ୨୦୧୮ में ୧.୫ लाख एवं ୨୦୧୯ में सितंबर माह तक ୧.୩ लाख अनुरोध संघ से जुडने के लिए प्राप्त हुए हैं।
संघ के कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण पर भी जोर दिया जा रहा है। इसी क्रम में कार्यकर्ता विकास वर्ग आयोजित किये जा रहे हैं। इन वर्गों में प्रशिक्षण को कैसे बेहतर किया जा सकता है तथा इसमें कैसे वेल्यु एडिशन किया जा सकता है इस संबंध में भी बैठक में चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में देश के समस्त प्रांतों से प्रांत स्तरीय अधिकारी शामिल हो रहे हैं। तीन दिनों तक चलने वाली इस बैठक में लगभग ୩୫୦ प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।
इस सवांददाता सम्मेलन में संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार व सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र  ठाकुर भी उपस्थित थे ।

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