कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का लोस में देशविरोधी बयान, कांग्रेस ने नहीं की स्थिति स्पष्ट
जम्मू कश्मीर पाकिस्तान के साथ झगड़े में क्यों फंसा रहा, क्यों 70 साल से समस्या बदस्तूर चली आ रही है. कांग्रेस सरकारें समस्या का समाधान क्यों नहीं कर पाई. लोकसभा में कांग्रेस नेता (नेता विपक्ष) ने अपने बयान में आज यह स्पष्ट कर दिया. वास्तव में कांग्रेस जम्मू कश्मीर को अंदरूनी हिस्सा मानती ही नहीं है, इसे लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आज बहस के दौरान दोहराया भी.
अधीर रंजन चौधरी ने अमित शाह से पूछा कि – “आप कहते हैं, ये (जम्मू कश्मीर) अंदरूनी मुद्दा है, लेकिन ये 1948 से यूएन की निगरानी में है, क्या ये अंदरूनी मुद्दा हुआ. हमने पाकिस्तान के साथ शिमला समझौता और Lahore Declaration किया. तो फिर ये भारत का अंदरूनी मुद्दा कैसे हुआ.”
कांग्रेस का आधिकारिक मत रखते हुए अधीर ने स्पष्ट कर दिया कि वो जम्मू कश्मीर को विवादित हिस्सा मानते हैं, जिसमें पाकिस्तान पक्षकार है.
लेकिन सच्चाई यह है कि 26 नवंबर 1947 को जब महाराजा हरि सिंह ने भारत के साथ अधिमिलन पत्र पर हस्ताक्षर किये तो जम्मू कश्मीर तभी से राजनीतिक, भौगोलिक और संवैधानिक रूप से भारत का हिस्सा बन गया. जम्मू कश्मीर हज़ारों से साल सांस्कृतिक तौर पर भारत का न सिर्फ हिस्सा था, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र भी था.
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