जयपुर. ले.ज. सुमेर सिंह, ए.वी.एस.एम (सेवानिवृत्त) ने कहा कि जिस तरह अनुच्छेद 370 की खामी को दूर किया गया है. उसी तरह सैन्य प्रशासन की खामियों को भी शीघ्रता से दूर किया जाए. वे पाथेय-कण संस्थान द्वारा बांग्लादेश मुक्ति-संग्राम के नायक ले.ज. सगत सिंह की जन्मशताब्दी के अवसर पर ले.ज. सगत सिंह विशेषांक के विमोचन कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि सैनिकों को बदलते युग और तकनीकी के अनुसार अस्त्र-शस्त्र उपलब्ध करवाए जाने चाहिए. भारतीय सेना की शक्ति का स्रोत भारत का आम नागरिक है. जिसका व्यवहार एक सैनिक और उसके परिवार के साथ जितना अच्छा होगा, एक जवान उतना ही निश्चित होकर देशसेवा में रत रहेगा. ले.ज. सुमेर सिंह ने लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह को याद करते हुए कहा कि उनके जीवन में जो लक्ष्य दिये गए, उन्होंने तय समय पर हर लक्ष्य को हासिल किया. अपनी योग्यता और शिक्षा को लगातार बढ़ाते रहे. वे हर समय अपने आपको हर परिस्थिति के हिसाब से तैयार रखते थे.
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि ले.ज. सगत सिंह के पुत्र कर्नल रणविजय सिंह ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम, नाथूला दर्रा, गोआ मुक्ति के बारे में सगत सिंह जी के योगदान पर प्रकाश डाला. हमारी शिक्षा में वीरों के बारे में उचित जानकारी नहीं दी जाती जो दी जानी चाहिए. कार्यक्रम की अध्यक्षता बलिदानी ले. अमित भारद्वाज के पिता ओमप्रकाश शर्मा ने की.
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