
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि “मध्यस्थता पैनल किसी सुलह या समझौता तक पहुंचने में असफल रहा है. इस मामले की प्रतिदिन सुनवाई छह अगस्त से शुरू होगी.”
सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने दशकों से चले आ रहे मामले का आपसी सहमति से मार्ग निकालने के लिये सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एफएमआई कलीफुल्लाह की अध्यक्षता में मध्यस्थता समिति का गठन किया था. इसमें आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू शामिल थे. समिति ने गुरुवार (01 अगस्त) को अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सर्वोच्च न्यायालय को सौंपी थी.
न्यायालय ने मई में समिति को अतिरिक्त समय देते हुए 15 अगस्त तक समाधान सुझाने को कहा था. शीर्ष अदालत ने मध्यस्थता प्रक्रिया को गोपनीय रखने के लिए इसकी रिपोर्टिंग पर रोक लगाई थी.
Comments
Post a Comment