पहले प्रतापगढ़, अब बूंदी में कट्टरपंथी जिहादियों का संघ की शाखा पर हमला

जयपुर. पंजाब, केरल व पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं व स्वयंसेवकों पर मुस्लिम जिहादियों व कम्युनिस्टों द्वारा जानलेवा हमला करने के समाचार आते ही हैं. लेकिन ऐसे ही  घटनाक्रम राजस्थान में भी प्रारम्भ हुए हैं.
कुछ दिन पूर्व बूंदी जिले में संघ की सायं शाखा पर हमला हुआ. यहां मुसलमानों की भीड़ ने बाल शाखा में मौजूद स्वयंसेवकों पर जानलेवा हमला कर दिया, हमले में कई बाल स्वयंसेवक घायल हुए हैं. इससे पूर्व 14 जनवरी 2014 को प्रतापगढ़ जिले में भी शाखा में स्वयंसेवकों पर हमला हुआ था. जहां अरनोद तहसील के कोटड़ी गांव में संघ की रात्रि शाखा में किसान स्वयंसेवकों पर मुस्लिम जिहादियों ने बंदूकों से हमला कर दिया था, जिसमें एक दर्जन स्वयंसेवक गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे. स्वयंसेवकों पर हमला कर भाग रहे मुस्लिम युवकों ने सर्दी से बचाव के लिए अलाव ताप रहे दो लोगों की भी गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके साथ ही राजस्थान में कई जगहों पर हिन्दू समाज के पारम्परिक धार्मिक कार्यक्रमों पर पथराव व हमला करने की घटनाएं सामने आती रही हैं. देश के अन्य हिस्सों की तरह ही जिहादी उन्मादियों द्वारा फैलाए जा रहे कट्टरपंथ की पराकाष्ठा अब राजस्थान में भी देखने को मिल रही है. ऐसी घटनाओं के बावजूद पुलिस-प्रशासन राजनैतिक संरक्षण के चलते हमलावरों के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर रहा है. ऐसे में संघ की शाखाओं व हिन्दू समाज पर आए दिन हो रहे आक्रमण कानून व्यवस्था पर भी प्रश्न खड़ा करते हैं.
बूंदी के संघ कार्यकर्ताओं ने बताया कि बूंदी जिला मुख्यालय के बालचन्द पाड़ा स्थित नवल सागर पार्क में बाल स्वयंसेवकों की सायं शाखा प्रतिदिन लगती है. 10 जुलाई को पार्क में पास में ही मुस्लिमों का कोई कार्यक्रम चल रहा था, जहां स्वयंसेवकों ने उन्हें संघस्थान से दूसरी जगह जाने के लिए बोला तो मुस्लिमों ने स्वयंसेवकों से झगड़ा कर लिया और देखते ही देखते करीब 50 व्यक्ति, जिसमें पुरूषों के साथ महिलाएं भी हाथों में लाठी-डण्डे लिए पार्क में आकर शाखा में व्यायाम कर रहे स्वयंसेवकों पर हमला कर दिया. मुसलमानों की भीड़ ने स्वयंसेवकों को पार्क में दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, इतने में ही आसपास के लोगों ने पार्क में पहुंचकर बीच-बचाव किया. स्वयंसेवकों ने थाने पहुंचकर मामला दर्ज कराया तथा आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग की. इसके बाद पुलिस ने तीन मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार कर लिया. जहां से एक आरोपित को जमानत पर रिहा तथा दो आरोपितों को जेल भेज दिया गया. पुलिस द्वारा की गई खानापूर्ति से हिन्दू समाज में रोष व्याप्त हो गया. हिन्दू समाज के मुखियाओं ने जिला कलैक्टर को ज्ञापन देकर सख्त कार्रवाई की मांग की तथा आंदोलन की चेतावनी दी. शाखा पर हमले की घटना किसी ने मोबाइल के कैमरे में कैद कर ली, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. वीडियो में दिखाई दे रहा है कि शाखा में मौजूद बाल स्वयंसेवकों को पीटने के लिए उनके पीछे दौड़ा जा रहा है , वे बड़ी मुश्किल से जान बचाकर भागे.
राजस्थान को पश्चिम बंगाल-केरल नहीं बनने देंगे
बूंदी में शाखा में स्वयंसेवकों पर हुए हमले को लेकर 11 जुलाई को विधानसभा में भी हंगामा हुआ. हाड़ोती क्षेत्र के विधायक मदन दिलावर ने कहा कि बूंदी में इमरान के नेतृत्व में असामाजिक  मुस्लिम लोगों ने संघ की शाखा पर हमला किया, जिसके कारण कई स्वयंसेवक जख्मी हो गए. इस संबंध में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाने सात बजे थाने पहुंचने के बावजूद 9.42 पर रिपोर्ट दर्ज की गई.
दिलावर ने कहा कि राजस्थान को पश्चिम बंगाल और केरल नहीं बनने दिया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल और केरल में राज्य सरकारों के संरक्षण में स्वयंसेवकों पर हमले हो रहे हैं, लेकिन राजस्थान में किसी भी स्थिति में ऐसा नहीं होने दिया जाएगा. स्वयंसेवकों पर हमले के मुद्दे पर जब नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने अपनी बात रखनी चाही तो संसदीय कार्यमंत्री ने आपत्ति जतायी. कटारिया ने कहा कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष को बोलने से नहीं रोका जा सकता है. यह मामला बहुत गंभीर है और प्रदेशभर की कानून व्यवस्था से जुड़ा हुआ है. सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए. इस पर संसदीय कार्यमंत्री ने सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए कहा कि बूंदी के प्रकरण में तीन व्यक्तियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
सरकार के मंत्री ने बताई मामूली घटना
बूंदी में संघ की शाखा में स्वयंसेवको पर हमले के मामले में स्थानीय पुलिस ने तीन युवकों सद्दाम, शाहिद और शफी को गिरफ्तार किया है. शाखा में हमले का मुद्दा राजस्थान विधानसभा में उठने के बाद काफी चर्चा में रहा, बाद में जवाब देते हुए राजस्थान सरकार के मंत्री शांति धारीवाल ने घटना को बेहद मामूली बताया है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार संघ के स्वयंसेवकों पर हुए हमले को लेकर कितनी गंभीर है. सरकार के मंत्री के बयान से इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि आरोपितों को राजनीतिक संरक्षण भी दिया जा रहा है.

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