जहां अशिक्षा, अंधकार है, वहां ज्ञान के दीप जलाएं
स्नेह भरी अनुपम शैली से, संस्कार की ज्योति जगाएं.
इस ध्येय वाक्य का अनुसरण करते हुए शेखावाटी अंचल के मुख्य नगर सीकर में पहली बार ज्ञान गंगा पुस्तक मेले का आयोजन किया गया. पुस्तक मेला 06 से 08 अप्रैल तक चला, जिसमें 18 प्रकाशकों ने अपनी पुस्तकें बिक्री के लिए रखीं.
मेले का उद्घाटन रेवासा पीठ के अग्र पीठाधीश्वर पूज्य राघवाचार्य जी महाराज ने किया. इस अवसर पर साहित्यकार तेजसिंह राठौड़ विशिष्ट अतिथि तथा बाबूलाल अध्यक्ष के रूप में उपस्थित थे. मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजस्थान के सह क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने मार्गदर्शऩ किया.
कार्यक्रम का उद्देश्य सद्साहित्य को समाज के हर आयु वर्ग तक पहुंचाना एवं उनमें पढ़ने की रुचि जागृत करना था, इस हेतु सभी विद्यालयों, उच्च शिक्षण संस्थानों एवं समाजसेवी संस्थाओं से भी सम्पर्क कर उनकी अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के प्रयास किया गया.
पुस्तक मेले के दौरान उद्घाटन एवं समापन सत्र के अलावा सात वैचारिक एवं चर्चात्मक सत्रों का आयोजन किया गया. जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा, भविष्य का भारत, वैचारिक असहिष्णुता, कौन हैं अर्बन नक्सल, राजस्थानी एवं बाल साहित्य, भारत में विज्ञान की परम्परा एवं स्वाभिमानी समाज निर्माण में साहित्य की भूमिका जैसे विषयों पर विशेषज्ञों से चर्चा हुई. इसके अतिरिक्त रविवार को लेखन कार्यशाला का भी आयोजन किया गया. जिसमें लेखन की बारीकियों का प्रशिक्षण दिया गया.
विभिन्न सत्रों में विद्वतजनों, लेखकों, साहित्यकारों, पत्रकारों व पैनलिस्टों की भागीदारी रही. समापन सत्र में वरिष्ठ पत्रकार अजय सेतिया ने मुख्य वक्ता के रूप में विचार रखे. सत्र की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक दुर्गादास जी ने की. उपस्थित जनसमूह को पूज्य श्री रमणनाथ जी महाराज का पावन सान्निध्य मिला. मेले में दो पुस्तकों व नूतन वर्ष के पंचाग का विमोचन भी किया गया.
Comments
Post a Comment