सुंदरबनी में शहीद रणजीत सिंह का पार्थिव शरीर जब रामबन स्थित घर पहुंचा तो उनकी पत्नी को रामबन के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उनकी बेटी का जन्म हुआ. शहीद रणजीत सिंह की पत्नी शिमू देवी ने जिला अस्पताल रामबन में सुबह 5 बजे नन्ही सी परी को जन्म दिया, लेकिन पूरा परिवार इस गम में था कि शहीद रणजीत सिंह जाने से पहले एक बार अपनी बेटी का चेहरा तक न देख पाए.
रणजीत सिंह रविवार को जम्मू कश्मीर के सुंदरबनी इलाके में पाकिस्तानी सेना की घुसपैठ को नाकाम करने की कोशिश में शहीद हो गए थे. इस ऑपरेशन में पाकिस्तानी बैट टीम के 2 घुसपैठिए भी मारे गए थे. रणजीत सिंह की शहादत की खबर आने के बाद उनकी पत्नी को सोमवार रात 11 के लगभग एंबुलेंस द्वारा अस्पताल पहुंचाया गया. सुबह 5 बजे शहीद की पत्नी ने बेटी को जन्म दिया.
अस्पताल प्रशासन ने बताया कि मां और बेटी दोनों स्वस्थ हैं. इसके बाद मंगलवार को शहीद रणजीत सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. रणजीत सिंह की पत्नी बेटी के साथ श्रद्धांजलि देने पहुंची, नम आंखों से श्रद्धांजलि दी. इस दौरान भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों एवं सेना के दस्ते ने शहीद रणजीत सिंह को आखिरी सलामी दी. शहीद रणजीत सिंह को भाई ने मुखाग्नि दी. शहीद रणजीत सिंह की पत्नी ने कहा कि वो चाहती है कि उनकी बेटी भी बड़ी होकर आर्मी में भरती हो और देश की सेवा करे.
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