दिवाली के मौके पर वाराणसी में भगवान राम की आरती करनेवाली मुस्लिम महिलाओं को लेकर दारूल उलूम के एक उलेमा ने अजीबोगरीब बयान दिया है । उलेमा ने कहा कि ‘अल्लाह के सिवा किसी और की पूजा अर्चना करनेवाले मुस्लिम नहीं रहते !’
जाहिर है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने १८ अक्टूबर को अयोध्या में दिवाली उत्सव का आयोजन किया था, इसी दिन मुस्लिम महिलाओं के एक समूह ने वाराणसी में भगवान राम की पूजा और आरती की थी ।
श्रीराम की आरती करनेवाली मुस्लिम महिलाओं के समूह की नेता नाजनीन अंसारी ने कहा कि ‘अयोध्या है हमारी जियारतगाह का नाम, रहते हैं वहां इमाम ए हिंद श्रीराम !’ हिंदू-मुस्लिम सांस्कृतिक भाईचारे में यकीन करनेवाली नाजनीन ने कहा कि ऐसे त्यौहार से सामाजिक एकता और भाईचारा बढता है। श्रीराम हमारे पूर्वज हैं। हम अपना नाम और धर्म बदल सकते हैं, लेकिन हम अपने पूर्वजों को कैसे बदल सकते हैं ।
परंतु इतना होनेपर भी ना किसी सेक्युलरिस्ट लोगों ने दारूल उलूम के उलेमा के विरूद्ध कोर्इ बयान दिया है, ना किसी चैनल पर इसपर डिबेट का प्रारंभ हुआ है । क्या उलेमा के विरूद्ध बयान देने के लिए सेक्युलरिस्ट लोगों के पास हिम्मत नहीं है ?, एैसा प्रश्न किसी के भी मन में आ सकता है । क्या ‘सर्वधर्मसमभाव का ठेका केवल हिन्दूआें ने ही लेकर रखा है’ एैसा विचार मिडीया चैनल तथा सेक्युलरिस्ट करते है ?
सर्व धर्म समान है, एेसा कहनेवाले अब कहां है ? मोदी जी ने गोल टोपी नहीं पहनी इसपर छाती पिटनेवाले अब कुछ क्यों नहीं बोलते ?
https://www.hindujagruti.org
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